प्रथम खंड
:
16.
अहमद मुहम्मिद काछलिया
जब हमारा प्रतिनिधि-मंडल इंग्लैंड जा रहा था उस समय दक्षिण अफ्रीका में बसे
हुए एक अँग्रेज यात्री ने मेरे मुँह से ट्रान्सवाल के खूनी कानून की बात और
हमारे इंग्लैंड जाने का कारण सुना, तो वह बोल उठा : ''तो आप कुत्ते का पट्टा
(डॉग्स कॉलर) पहनने से इनकार करना चाहते हैं!'' उस अँग्रेज ने ट्रान्सवाल के
परवाने की तुलना कुत्ते के पट्टे से की। वह वचन उसने पट्टे के बारे में अपना
हर्ष बताने और हिंदुस्तानियों के प्रति अपना तिरस्कार प्रकट करने के लिए कहा
था या अपनी सहानुभूति प्रकट करने के लिए कहा था - यह निर्णय मैं न तो उस समय
कर सका था। और न आज उस घटना का उल्लेख करते समय कर सकता हूँ। किसी भी मनुष्य
के वचन का अर्थ हमें इस तरह नहीं करना चाहिए कि उसके साथ अन्याय हो, इस
सुनीति का अनुसरण करके मैं ऐसा मान लेता हूँ कि उस अँग्रेज ने अपनी सहानुभूति
प्रकट करने के लिए ही स्थिति का यथावत चित्र प्रस्तुत करनेवाले ये शब्द कहे
थे। एक ओर ट्रान्सवाल सरकार हिंदुस्तानियों को यह गलपट्टा पहनाने की तैयारी
कर रही थी; और दूसरी ओर हिंदुस्तानी कौम इस बात की तैयारी कर रही थी कि यह
पट्टा गले में न पहनने के निश्चय पर वह कैसे अटल रहे और ट्रान्सवाल सरकार की
वक्र नीति के खिलाफ कैसे लड़े। इंग्लैंड के और हिंदुस्तान के सहायक मित्रों
को पत्र आदि लिखने और वहाँ की वर्तमान स्थिति से परिचित रखने का काम तो चल ही
रहा था। परंतु सत्याग्रह की लड़ाई बाह्य उपचारों पर बहुत कम आधार रखती है।
आंतरिक उपचार ही सत्याग्रह में रामबाण उपचार सिद्ध होते हैं। इसलिए कौम के
सारे अंग ताजे और सक्रिय बने रहें, इसके उपाय ढूँढ़ने में ही कौम के नेताओं का
समय जाता था।
कौम के सामने एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह खड़ा हुआ कि सत्याग्रह का आंदोलन करने
के लिए किस संगठन का उपयोग किया जाए। ट्रान्सवाल ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन के
सदस्यों की काफी बड़ी संख्या थी। उसकी स्थापना के समय सत्याग्रह का जन्म
भी नहीं हुआ था। उस संघ को एक नहीं परंतु अनेक कानूनों के विरुद्ध लड़ना पड़ता
था और आगे भी लड़ना था। कानूनों के विरुद्ध लड़ने के सिवा उसे राजनीतिक,
सामाजिक और अन्य क्षेत्रों में भी विविध प्रकार के कार्य करने होते थे। इसके
सिवा, उस संघ के सारे सदस्यों ने सत्याग्रह द्वारा खूनी कानून का विरोध करने
की प्रतिज्ञा भी नहीं ली थी। साथ ही उस संघ के संबंध में हमें बाहरी खतरों का
भी विचार करना था...
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